लखनऊ. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेज 22 मार्च तक बंद करा दिए हैं। मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई भी नहीं होगी। जबकि, इस अवधि में सिर्फ परीक्षा वाले स्कूल खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉफ्रेंस करके शुक्रवार को कहा कि जिन विद्यालयों में परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, वे जारी रहेंगी। प्रदेश में अब तक 11 मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, जहां अभी परीक्षाएं चल रही हैं, वो स्कूल-कॉलेज परीक्षाओं के बाद बंद किए जाएंगे। मगर, 22 मार्च तक बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा या टेक्निकल, स्किल डेवलपमेंट के इंस्टीट्यूट को बंद करने का फैसला लिया गया है। 20 तारीख को एक बार फिर हम स्थिति का जायजा लेंगे। 23 मार्च के बाद जरूरत पड़ने पर हम फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि, यूपी में पूरी चौकसी बरती जा रही है और स्वास्थ्य विभाग तैयार है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डेढ़ महीने पहले ही हमने कोरोना वायरस को लेकर चेतावनी जारी कर दी थी। वहीं, इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी कर दी गई थी। हमने 4100 चिकित्सकों को कोरोना वायरस के बचाव को लेकर प्रशिक्षित भी किया है।हर जनपद में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जिसमें 830 बेड सुरक्षित हैं। वहीं, 24 मेडिकल कॉलेजों में भी 448 बेड सुरक्षित रखे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि, यहां कुल 5 लैब स्थापित कर रहे हैं। लखनऊ में केजीएमयू, पीजीआई और अलीगढ़ में जांच की सुविधा दी गई है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज और बीएचयू में भी लैब तैयार करने की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही आईएमए के सहयोग से सरकार ने अपनी पूरी व्यवस्था की समीक्षा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमने अभी इस बीमारी को महामारी घोषित नहीं किया है, लेकिन उसके कुछ प्रावधान लागू करने का फैसला किया है। यदि आपको मास्क की जरूरत नहीं है तो न लगाएं। जरूरत ये है कि हम लोगों को जागरूक करें, साथ ही इसकी कालाबाजारी पर रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। नेपाल बॉर्डर पर भी सतर्कता बरती जा रही है। यहां पर थर्मल एनालाइजर की व्यवस्था की गई है।
यूपी में कोरोना के अब तक 11 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनमें 7 आगरा, 2 गाजियाबाद, एक लखनऊ और एक नोएडा में मिला है। मुख्यमंत्री ने बताया कि, कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार सूबे में ट्रेनिंग के कार्यक्रम भी समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ा रही है। जिसमें आइसोलेशन वार्ड में तैनात चिकित्सकों को ट्रेनिंग देने के साथ ही आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षित करने के लिए हर जनपद में कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं।